Opal stone benefits in Hindi

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Opal stone benefits in Hindi


Opal stone benefits in Hindi- ओपल रत्न धारण करने के लाभ और पहचान
ओपल रत्न को शुक्र ग्रह का रत्न माना जाता है। शुक्र ग्रह रोमांस, आकर्षण, शादी, सुख-सुविधाओं और हमारी ख्वाहिशों का कारक ग्रह है। इसलिए ओपल रत्न धारण करने से इन सभी चीजों में लाभ होता है।

opal stone benefits in hindi

Opal Stone ओपल रत्न के लाभ

  • ओपल रत्न धारण करने से व्यक्ति को आकर्षक बनाता है।
  • यह रत्न व्यक्ति को रोमांटिक बनाता है और उसे अपने पार्टनर के साथ अच्छे संबंध बनाने में मदद करता है।
  • ओपल रत्न धारण करने से व्यक्ति को शादी में जल्द सफलता मिलती है।
  • यह रत्न व्यक्ति को सुख-सुविधाओं और धन-धान्य से परिपूर्ण बनाता है।
  • ओपल रत्न धारण करने से व्यक्ति की ख्वाहिशें पूरी होती हैं।

ओपल रत्न की पहचान

ओपल रत्न की पहचान करना बहुत आसान है। ओपल रत्न का रंग बहुरंगी होता है। ओपल रत्न को पानी में डालने पर वह चमकता है। ओपल रत्न को चावल के दानों पर रगड़ने पर वह चमकता है।

ओपल रत्न धारण करने के नियम

ओपल रत्न धारण करने के कुछ नियम हैं। इन नियमों का पालन करने से ही ओपल रत्न से लाभ मिलता है।

ओपल रत्न को शुक्र ग्रह का रत्न माना जाता है। शुक्र ग्रह रोमांस, आकर्षण, शादी, सुख-सुविधाओं और हमारी ख्वाहिशों का कारक ग्रह है। इसलिए ओपल रत्न धारण करने से इन सभी चीजों में लाभ होता है। लेकिन, ओपल रत्न धारण करने के कुछ नियम हैं। इन नियमों का पालन करने से ही ओपल रत्न से लाभ मिलता है।

Opal Stone कैसे धारण करें

ओपल रत्न को शुक्र ग्रह का रत्न माना जाता है। यह रत्न रोमांस, आकर्षण, शादी, सुख-सुविधाओं और हमारी ख्वाहिशों का कारक है। इसलिए ओपल रत्न धारण करने से इन सभी चीजों में लाभ होता है।

ओपल रत्न को धारण करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  • ओपल रत्न को चांदी की अंगूठी में जड़वाकर धारण करें।
  • ओपल रत्न को शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन धारण करें।
  • ओपल रत्न को धारण करने से पहले इसे कच्चे दूध और गंगाजल में डालकर शुद्ध करें।
  • शुद्ध करने के बाद ओपल रत्न को एक सफेद कपड़े के ऊपर रखें और शुक्र के मंत्र ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: की एक माला का जप करें।
  • मंत्र जप के बाद ओपल रत्न को अपने दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करें।
  • इसके बाद कोई भी सफ़ेद रंग की मिठाई जैसे की चैन्ना मुर्गी या सफ़ेद रसगुल्ले का प्रशाद सभी को बाटें

नियम 1: शुक्र मारक न हो

ओपल रत्न धारण करने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपकी कुंडली में शुक्र मारक न हो। यदि शुक्र मारक है, तो ओपल रत्न धारण करने से हानि हो सकती है।

नियम 2: शुक्र योग कारक हो

ओपल रत्न धारण करने के लिए शुक्र ग्रह योग कारक होना चाहिए। यदि शुक्र योग कारक नहीं है, तो ओपल रत्न धारण करने से लाभ नहीं होगा।

नियम 3: शुक्र अच्छे भाव में हो

ओपल रत्न धारण करने के लिए शुक्र ग्रह किसी अच्छे भाव में स्थित होना चाहिए। अच्छे भावों में 1, 7, 9, 4 और 10 शामिल हैं। यदि शुक्र किसी बुरे भाव में स्थित है, तो ओपल रत्न धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह लेनी चाहिए।

नियम 4: ज्योतिषी की सलाह लें

यदि आपको यह समझने में कठिनाई हो रही है कि आपकी कुंडली में शुक्र मारक है या नहीं, या शुक्र योग कारक है या नहीं, या शुक्र अच्छे भाव में स्थित है या नहीं, तो किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए।

ओपल रत्न एक बहुत ही लाभकारी रत्न है। यदि ओपल रत्न धारण करने के नियमों का पालन किया जाता है तो इससे व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं। लेकिन, यदि नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो इससे नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, ओपल रत्न धारण करने से पहले इन नियमों को ध्यान से पढ़ना चाहिए।

यहाँ कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं जो ओपल रत्न धारण करने के दौरान लाभकारी हो सकते हैं:

  • ओपल रत्न को शुक्ल पक्ष के बुधवार या शुक्रवार को धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।
  • ओपल रत्न को चांदी की अंगूठी में जड़वाकर धारण करना चाहिए।
  • ओपल रत्न को धारण करने के बाद इसे नियमित रूप से साफ करना चाहिए।
  • ओपल रत्न को किसी अशुद्ध व्यक्ति को छूने नहीं देना चाहिए।
  • ओपल रत्न धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना चाहिए।
  • ओपल रत्न धारण करने से पहले अपने कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति देखना चाहिए।
  • ओपल रत्न धारण करने से पहले शुक्र ग्रह को शुद्ध करना चाहिए।
  • ओपल रत्न धारण करने के लिए शुक्ल पक्ष का बुधवार या शुक्रवार का दिन शुभ माना जाता है।
  • ओपल रत्न को चांदी की अंगूठी में जड़वाकर धारण करना चाहिए।
  • ओपल रत्न को धारण करने के बाद इसे नियमित रूप से साफ करना चाहिए।

What are the benefits of wearing opal stone

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति अपने पिछले जन्म के कर्मों को लेकर जन्म लेता है। इन कर्मों के आधार पर ही उसकी कुंडली बनती है और ग्रह उसकी कुंडली में विराजमान होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की रश्मियां व्यक्ति को प्रभावित करती हैं और उसे अच्छा या बुरा फल देती हैं।

ज्योतिष शास्त्र का गणित यह बताता है कि हमारी कुंडली में कौन-कौन से ग्रह योग कारक हैं, अर्थात अच्छे फल देने वाले हैं और कौन-कौन से ग्रह मारक हैं, अर्थात बुरा फल देने वाले हैं।

यदि हमारी कुंडली में किसी योग कारक ग्रह का बल कम हो या वह सूर्य के साथ अस्त हो या षटबल में कमजोर हो, तो उस ग्रह से संबंधित रत्न धारण करके उसके बल को बढ़ाया जा सकता है। किसी ग्रह का रत्न एक चुंबक की तरह कार्य करता है। किसी ग्रह से संबंधित रत्न उसकी रश्मियों को ग्रहण करके व्यक्ति में संचार करता है।

किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह जिस भाव में बैठा हो, जिन भावों पर उसकी दृष्टि हो, जिन भावों में उसकी राशियां हों या जो ग्रह के कारकत्व हो, ग्रह उसका फल ही देते हैं।

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मारक ग्रह अर्थात बुरा फल देने वाले ग्रहों से संबंधित रत्न धारण कर लिया जाए, तो उस ग्रह का बल बढ़ने से बुरे परिणाम अधिक मिलने शुरू हो जाते हैं। इसलिए, कभी भी मारक ग्रह का रत्न धारण नहीं करना चाहिए।

रत्न धारण करने के लाभ

रत्न धारण करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  • रत्न धारण करने से व्यक्ति को शुभ ग्रहों का अधिक प्रभाव मिलता है।
  • रत्न धारण करने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
  • रत्न धारण करने से व्यक्ति को धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

How do I know if my opal is real?

ओपल रत्न को शुक्र ग्रह का रत्न माना जाता है। यह रत्न रोमांस, आकर्षण, शादी, सुख-सुविधाओं और हमारी ख्वाहिशों का कारक है। इसलिए ओपल रत्न धारण करने से इन सभी चीजों में लाभ होता है।

ओपल रत्न की पहचान करना बहुत आसान है। ओपल रत्न का रंग बहुरंगी होता है। ओपल रत्न को पानी में डालने पर वह चमकता है। ओपल रत्न को चावल के दानों पर रगड़ने पर वह चमकता है।

असली ओपल रत्न की पहचान करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • असली ओपल रत्न का रंग दूध के जैसा और कुछ पारदर्शी होता है।
  • असली ओपल रत्न को पानी में डालने पर वह चमकता है।
  • असली ओपल रत्न को चावल के दानों पर रगड़ने पर वह चमकता है।

ओपल रत्न धारण करने से होने वाले नुकसान

यदि ओपल रत्न धारण करने के नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो इससे नुकसान भी हो सकता है।

  • यदि ओपल रत्न धारण करने से पहले शुक्र ग्रह शुभ नहीं है तो इससे नुकसान हो सकता है।
  • यदि ओपल रत्न धारण करने के बाद उसे नियमित रूप से साफ नहीं किया जाता है तो इससे नुकसान हो सकता है।
  • यदि ओपल रत्न धारण करने के बाद उसे किसी अशुद्ध व्यक्ति को छूने दिया जाता है तो इससे नुकसान हो सकता है।

Shukra Beej Mantra Benefits

ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को सुख-सुविधाओं और भोग-विलास का कारक माना जाता है। शुक्र ग्रह की स्थिति कुंडली में अच्छी होने पर व्यक्ति सुंदर, आकर्षक, धनी, सुखी और समृद्ध होता है। लेकिन, यदि शुक्र ग्रह की स्थिति कमजोर हो या अशुभ हो तो व्यक्ति को सुख-सुविधाओं में कमी, पत्नी सुख में कमी, पुरुष के शुक्राणुओं में कमी, समाज में प्रतिष्ठा की कमी आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

शुक्र बीज मंत्र का जाप शुक्र ग्रह की स्थिति को मजबूत करने और उसके अशुभ प्रभावों को दूर करने में मदद करता है। शुक्र बीज मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:

  • सुख-सुविधाओं में वृद्धि
  • पत्नी सुख में वृद्धि
  • पुरुष के शुक्राणुओं में वृद्धि
  • समाज में प्रतिष्ठा में वृद्धि
  • सौंदर्य और आकर्षण में वृद्धि
  • धन-धान्य में वृद्धि
  • सफलता और प्रसिद्धि

शुक्र बीज मंत्र का जाप करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  • किसी भी शुभ दिन और शुभ मुहूर्त में शुक्र बीज मंत्र का जाप शुरू करें।
  • जाप करते समय एकांत स्थान में बैठें और अपने सामने शुक्र ग्रह की तस्वीर या प्रतीक रखें।
  • शुक्र बीज मंत्र का जाप 108 बार करें।
  • जाप करते समय मन में शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए प्रार्थना करें।

शुक्र बीज मंत्र का जाप करने के लिए निम्नलिखित मंत्र का प्रयोग करें:

ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः

इस मंत्र का जाप आप सुबह, शाम या रात में किसी भी समय कर सकते हैं। लेकिन, ध्यान रखें कि जाप करते समय आपका मन शांत और केंद्रित होना चाहिए।

यदि आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह अशुभ हो तो शुक्र बीज मंत्र का जाप करने से पहले किसी योग्य ज्योतिष से सलाह लेना उचित है।

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